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Thursday 26 June 2008

Wednesday 25 June 2008

इंटरनेट बँकिंग - सावधान !

गेल्या वेळेस ती मेल - आयसीआयसीआय बँकेसाठी होती .... यावेळी - ऍक्सिस बँकेच्या नावाने ....!


अधिक माहिती - मी या ठीकाणी लिहिली आहे.
...भुंगा!

अर्ज किया है,

एक बकरी ...
एक बकरी .......
एक बकरी परबत पे....

.... जरा गौर फर्माइएगा ....

एक बकरी
परबत पे....
इधर से चढी ...
उधर से उतरी ...!

Thursday 19 June 2008

वटपौर्णिमा ...



....... झाडे लावा ... झाडे जगवा ..!


Wednesday 18 June 2008

अर्ज किया है ....

जहां की गुर्बत में सुकुं नहीं आयेगा
गम-ए-तौहीन से कुबुल नहीं आयेगा
मकलुल की फितरत है ऐ काफीर
दिमाग का दही बनेगा
पर ये शेर समझ नहीं आयेगा ! ...

शेतकरी ... शेअरकरी ..?


Tuesday 17 June 2008

भटकंती: सुधागड


..... गेल्या शनिवारी सुधागडला गेलो होतो ... मस्त पावसात एन्जॉय केला ...
सविस्तर लवकरच लिहितोय ...

काही फोटो येथे आहेत
...भुंगा!

Friday 13 June 2008

.... एक भजन .. माझ्या आवडीचे ..

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाए तरुवर की छाया
सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाए तरुवर की छाया
ऐसा ही सुख मेरे मन् को मिला है
मैं जब से शरण तेरी आया , मेरे राम

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाए तरुवर की छाया

भटका हुआ मेरा मन् था कोई मिल न रहा था सहारा - 2
लहेरों से लड़ती हुई नाव को - 2
जैसे मिल न रहा हो किनारा
मिल न रहा हो किनारा
उस लड़खादाती हुई नाव को जो
किसी ने किनारा दिखाया

ऐसा ही सुख मेरे मन् को मिला है
मैं जब से शरण तेरी आया , मेरे राम

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाए तरुवर की छाया

शीतल बनी आग चंदन के जैसी
राघव कृपा हो जो तेरी - 2
उजियाली पूनम की हो जाए रातें जो थी अमावस अँधेरी - 2
जो थी अमावस अँधेरी
युग युग से प्यासी मरुभूमि ने जैसे
सावन का संदेस पाया

ऐसा ही सुख मेरे मन् को मिला है
मैं जब से शरण तेरी आया , मेरे राम

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाए तरुवर की छाया

जिस राह की मंजिल तेरा मिलन हो
उस पर कदम मैं बाधाओं - 2
फूलों में कहारों में पतझड़ बहारों में मैं ना कभी डगमगाऊँ - 2
मैं ना कभी डगमगाऊँ
पानी के प्यासे को तकदीर ने जैसे
जी भर के अमृत पिलाया - 2

ऐसा ही सुख मेरे मन् को मिला है
मैं जब से शरण तेरी आया , मेरे राम

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाए तरुवर की छाया

ऐसा ही सुख मेरे मन् को मिला है
मैं जब से शरण तेरी आया , मेरे राम

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाए तरुवर की छाया

ओनलाईन ऐका

Thursday 12 June 2008

दोस्ती ...

अर्ज किया है ....

... के जुदाई का गम ना करना...
दुर रहा तो दोस्ती कम ना करना...
अगर मिले जिंदगी के किसी मोड पर
तो हमें देखकर नजर कहीं और ना करना...!!

Wednesday 11 June 2008

अर्ज किया है ....

जिसे कोयल समझा वो कौआ निकला...
दोस्ती के नाम पे हवा निकला...
कभी जो रोका करते थे हमे शराब पिने से....
आज उनकेही जेब से पौआ निकला ..!


मेरे आंखो में ख्वाब फिर से दे गया कोई ..
बुझती हुई सांसो को आग फिर से दे गय कोई ...
क्या यही महोब्बत है..?
या फिर से "मामु" बना गया कोई ...!!


वो आज भी हमें देख के मुस्कुराते है...
वो आज भी हमें देख के मुस्कुराते है ....
ये तो उनके बच्चे कमिने है,
जो हमें "मामा- मामा" कहके बुलाते है ..!

मोबाईलदुखी

Several mobile phonesImage via Wikipedia
..... मी म्हणतो - मोबाईलवर फोन करुन कुणी सोम्या-गोम्या आहे का विचारण्यापेक्षा - हा नंबर सोम्याराव किंवा गोम्यासाहेबांचा आहे काय? असे सभ्यपणे विचारायला - त्या फोन करणा-यांचा बा ची बाभळ बुडते काय ? ...... फोनवर असे विचारतात जसे माझ्या मोबाईलवर फोन करुन माझ्यावर उपकार करताहेत .. सुक्काळीचे ..!

ब-याचदा तर - हॅलो म्हणताच - म्हणे सोम्याला फोन द्या.... गोम्याला बोलवा .... आरं , म्या काय तुमच्या आबासाहेबांचा नोकर हाय काय? म्या म्हणतो - फोन करायच्या आधी नंबर तपासुन बघावा .... मोबाईलचा अन् डोळ्याचा सुध्दा ... नाही का? ..... फुकाटची मोबाईलदुखी ....!!

...भुंगा!

Zemanta Pixie

Tuesday 10 June 2008

पहिल्या पावसाच्या हार्दिक शुभेच्छा ..!!


प्रत्येक क्षणामध्ये काही तरी आपले असते,
दु:खात जरी रडलो, तरी सुखात हास्य असते ..!

विरह जरी आले तरी, मिलनात गोडवा असतो,
ग्रीष्मात जरी उकडलो तरी पहिल्या पावसांत गारवा असतो..

"आपल्या आयुष्यातही पावसाची सर"
नवीन चैतन्याचा गारवा, आपलेपणाचा ओलावा,
आणि सुखाची नवी हिरवळ पसरवो, हिच "श्री" चरणी प्रार्थना!!
पहिल्या पावसाच्या हार्दिक शुभेच्छा ..!!


...भुंगा!